Sunday, December 25, 2011

laghu katha

मित्रों एक लघु कथा आपको सुनाता हूँ / किसी गाँवमें एक आदमी था बड़ा ही धूर्त / पैंतरेबाजी , लडाई - झगडा हर झमेले में अव्वल / सारे गाँव के लोगों को सताता रहा / पर गाँव के लोगों में एकता न होने के कारण वह निरंकुश रूपसे मनमानी करता रहा /धीरे धीरे उसकी उम्र बढ़ती गयी ., हाथ पाँव जवाब देने लगे / वह बीमार हो कर बिस्तर से लग गया / गाँव के लोगों ने सोचा चलो अच्छा हुआ , यह मरे तो बला टल जाए/
एक दिन उसे ऐसा लगा कि उसका अंतिम समय आ गया / उसने बेटे को पास बुलाया और उसके कानों में कुछ कहा / बेटे ने पिता को सहारा दिया और गाँव के चौपाल पर ले आया / फिर पूरे गाँव को बुलाया और हाथ जोड़ कर कहा , मेरे पिताने जीवन भर आप सभी के साथ जो अत्याचार और अन्याय किया है आज उन्हें अपनी उस ग़लती पर बहुत पछतावा हो रहा है / भगवान ने उन्हें बीमारी के रूप में सजा दे दी है , पर वह अपने पापों का प्रायश्चित करना चाहते हैं / उनका कहना है आप सभी एक एक लाठी ला कर उन्हें पीटें /गांववालों को अचम्भा हुआ, एक बुजुर्ग ने कहा नहीं बेटा इसका जो हाल है न तो यह चल पा रहा है न ही यह बोल पा रहा है इसे हम कैसे पीट सकते हैं? / बेटे ने कहा पिताजी ने कहा कि जब तक आप लोग उन्हें नहीं पीटेंगे उनका प्रायश्चित होगा नहीं और मरने के बाद भी उनकी आत्मा भटकती रहेगी / आप सभी से निवेदन है मरनेवाली अंतिम इच्छा पूरी करें और उन्हें पीटें / फिर बेटे ने पिता से बिदा ले ली और वहाँ से चलता बना / किसीने उसे पूछा भी नहीं कि वह कहाँ जा रहा है /
फिर क्या था सभी ने हाथ में लाठी ली और लगे बूढ़े को पीटने, बरसों का गुस्सा जो मन में था , कुछ लोगों ने सर पर भी जमा दी लाठी / बेचारा वैसे ही तो अधमरा सा था कुछ ही देर में टें बोल गया / तभी वहाँ पर एक पुलिस की जीप आयी / थाने बाबु के साथ बुड्ढे का बेटा उतरा गाडी से और कहने लगा देखिये इन्स्पेक्टर साहब , मैं बाहर क्या गया था, गाँव वालों ने मेरे पिताको घर से उठा कर पीट पीट कर उन्हें मार डाला / पुलिस गाँव भर के सभी मर्दों को गिरफ्तार करके ले गयी और उन पर मुकद्दमा चला /
मरते मरते भी बुढा गाँव वालों को तंग करके ही गया / कुछ समझे आप .? उसी तरह एक बुड्ढी पार्टी है इस देश में , आप होशियार रहिएगा उससे / कहीं आप का हाल भे इन गांववालों जैसा न हो जाए / हो सके तो यही कथा अपने दोस्तों को भी सुनाएँ

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