Saturday, August 10, 2013



एक ज़माना वह था, जब किसी भी व्यक्ति का परिचय उसका व्यक्तित्व, उसके सदगुण और उसके कर्म हुआ करते थे / पर अब चाहे व्यक्तित्व कितना ही दागदार हो, उसके अन्दर सारे के सारे अवगुण ही भरे पड़े हो , जीवन में उसने एक भी सत्कर्म न किया हो , अगर कोई व्यक्ति एक ऊंची कुर्सी पर बैठा हो तो वह कहता है "दाग अच्छे हैं" / देश में जिस तरह घटिया चरित्र के नेता शीर्ष में बैठ कर सत्ता सुख भोग रहे हैं , जिस प्रकार कानून बनानेवाले कानून तोड़ रहे हैं, उससे तो यही सच लगता है / तो क्यों न आज उसी कुर्सी पर एक कविता हो जाए ?

कुर्सी यह बुरी बला है जो इंसानियत भुला दे
धन तो दे काला ही, मनको भी कर काला दे //
जानदार इंसान को न पूछे,
खातिर कुर्सी बेजान की /
पूछ न यहाँ शरीफ की है,
पूंछ है लम्बी बेईमान की /
अजब करिश्मा कुर्सी का, शैतान की जो खाला है
धन तो दे काला ही, मनको भी कर काला दे //
निकम्मों को भी कर दे काबिल,
कुर्सी की ऐसी है महिमा/
कुर्सी हो गयी इतनी बड़ी अब,
बढ़ा देता निठल्ले के गरिमा /
ऐसे खेल दिखाए कुर्सी , अक्ल पे लगा ताला है
धन तो दे काला ही, मनको भी कर काला दे //
मत भूलो तुम कुर्सी वालों,
लकड़ी की बनती कुर्सी है/
आख़री मंजिल जो होती चिता,
वह भी तो लकड़ी की होती है /
गर्व तो एक दिन होगा चूर,यही तो होनेवाला है
न कुर्सी न होगा पद, होगी बस आहों के माला है .//



SNE KAHA :-

USNE DEE NASEEHAT MUJHE - YAAR TU AB ZARA HOSHIYAR BAN/
ACHCHCHHA NAHEEN HAI JATLANA- HAR KISI SE YUN APNAPAN //
TERE HAIN YEH DIKHLAKE EK DIN DAWA DENGE YEH TERA GALA /
MEREE BAATEN JO MAANEGA - KEH DETA HOON HO TERA BHALA//
BHAAD MEN JAAYE DUNIYA SAAREE - APNEE SOCH LE TU PEHLE /
TERE TO NA HAI JIMMEDAAREE - DIL KISKA BEHLE YA NA BEHLE //

MAINE KAHA :-

TAREEF KAROON MAIN KYA TEREE - SEEKHA RAHA JO KHUDGARZEE /
BAN JAAON SHAITAAN KYA MAIN - BATLA DE TERE JO HAI MARZEE //
CHAHE NA DAWAYE KOI GALA - AISE BHEE TO EK DIN MARNA HAI /
BHALE BURE KA SAARAA HISAAB UPAR JAA KAR TO RE DENA HAI //
DUNIYA AGAR JAAYE BHAAD MEN - BATLA KYA MAIN DUNIYA SE JUDA
TERE JAISE HO JISKE DOST - DUSHMAN USE KYON DE RE KHUDA //


इस पर पेरोडी प्रस्तुत है- मूल गीत फिल्म "शर्मीली" का "खिलते हैं गुल यहाँ"

होते हैं "चुनाव" यहाँ, "चूना" ही लगाने को
पड़ते हैं "वोट" यहाँ , हमें "बाट" लगाने को..

कल रहे न रहे सिस्टम डेमोक्रेसी का 
कल मिले न मिले मौका बदमाशी का
चार पल मिले जो उसे हाथोंसे न जाने दे ..

प्यासा यह देश है , प्यासी जनता सारी
हमको ना फिक्र है , बाज़ी हमने मारी
सारा माल करें हजम, जनता को मरने दे ,.....



लंबे एक अरसे के बाद सजी थी दोस्तों की प्यारी महफ़िल;
प्रेम से सब बतिया रहे थे जब मिल रहे थे दिलों से दिल/
कहकहों की गूँज हो रही थी वहाँ - धमाके थे वहाँ ठहाकों के ;
हँसी का फव्वारे छूट रहे थे नाम न थे गम और आहों के/
एक को तब मज़ाक़ सूझा - सवाल यूँ उसने दाग दिया ;
डरते न हों बीवी से जो उठाए हाथ ऐसा उसने कह दिया /
सब के हाथ उठ गये फ़ौरन - चूप बैठा मैं ही अकेला था;
मानो सारे बगुले थे वह - एक मैं ही कौव्वा काला था /
एक ने तब लगाई घुड़की - कहा डूबके क्यों मरता नहीं;
बीवी से डरता है तू यह कहते आई ज़रा भी शर्म नहीं /
कंधों को उचका के कहा मैंने तब सारे तुम बेवक़ूफ़ हो;
ज़रा सी बात पे इतना हल्ला, क्या नहीं तुम अहमक हो/
बीवी अपनी खुद की तो है- कहो अब क्यों मैं डरूँ नहीं ;
गैर की बीवी से डर जाऊं, मैं तो कोई मन्नू मामा नहीं/



अपने भी कुछ मित्र हैं यहाँ जिन्हे मेरी पेरोडी की लत लग गयी है - उनमें से एक मित्र हैं श्री अवधेश भाई - उनके लिए 4 पंक्तियाँ लिख रहा हू

रहा गर्दिशों में हरदम- मेरे देश का सितारा
कभी मंत्रियों ने लूटा - कभी बाबुओं ने मारा...

कोई आके देखे जाए किस हाल में है जनता
सरकार को दे टेक्स - करें आँसू पे गुज़ारा--

यह हमारी बदनसीबी जो नहीं तो और क्या है
कि उन्हीके हाथ हैं देश,जिनसे है उसको ख़तर

पड़े जब गमोंसे पाले- हम जा के वोट डाले
किससे करें शिकायत - यहाँ कौन है हमारा --


एक बड़ा प्यारा सा गीत था नानी तेरी मोरनी को मोर ले गये- उसकी पेरोडी ज़रा देखिए आज

मामा तेरे कारण यह देश डूब गया
सोने की चिड़ियाका सारा पंख नोच लिया----

कैसी तूने की पढ़ाई- अक्ल तेरी क्या है
120 की के.जी पर जब बैंगन बिकता है
अर्थ कोई तो न रहा रे तेरे अर्थशास्त्रका
कैसे तूने गुल खिलाए तेरे व्यर्थशास्त्र का
मामा तेरे---------------------

देश के अंदर गड़बड़ी और सीमापे है हमला
लानत तेरी नीयत पे जो होता है घोटाला
महँगाई बन बैठा दानव पीता खून हमारा
कानपे तेरी जूँ न रेंगे सत्यानाश हो तेरा
मामा तेरे------------------

कब तक तू यूँ मूँग दलेगा छाती पे हमारे
क्या वह दिन न आनेवाला जब तू मामा सुधरे
हे प्रभु अब लीला दिखाओ देशको अब बचाओ
या हमें तुम पास बुलालो या मामाको ले जाओ
मामा तेरे कारण यह देश डूब गया
सोने की चिड़ियाका सारा पंख नोच लिया----
एक बहुत ही मशहूर गीत का मुखड़ा पेरोडी के रूप में लिख रहा हूँ - कोशिश कीजिए इसे आगे बढ़ाने की--- किसीने कोशिश नहीं की - तो चलो मैं कर लूँ ओखली में सर दिया तो मूसल से क्या डरना 

न निंदा करके जियों 
और न चिट्ठी लिख के जियो 
अगर हो हमले देश पर तो 
लड़ते लड़ते जियो----------- 

यह मिट्टी वीरोंकी है क्या यह बात याद नहीं 
यह ऊँची कुर्सी विदेशों का सैर ज़िंदगी तो नहीं 
बने हो नेता तो फिर क्यों 
क़ायर बनके जियों---------------------

शपथ जो ली थी कभी उसको आज याद करो
क़सम है तुमको न यूँ देश को बर्बाद करो
बहुत बना ली बातें तुमने
अब तो करके कुछ ही जियो------------

न जाने कितने आए और गये कितने यहाँ
भला जो करता उसीको तो याद करता जहाँ
रखा है क्या झूठी शानों में
शहीद बनके जियो-----------------
मन कीभावनाओं का परिप्रकाश कुछ शब्दों में 

"माया" ने करोड़ों की माया जोड़ी - अदालत कहे "बेदाग"
मेहनत की और टेक्स चुकाया- भूखों मरना हमरा यह भाग//

अब तो रोते क़िस्मत पे , की पढ़ लिख कर हमने क्या किया
हम भी बन जाते चमचा किसी का- तो नसीब जाता न जाग //

टूटी चप्पल न पहनी कभी- आसमान से बात अब वह करे
हमने जामा शराफ़त का पहन- खुद को ही तो लगाई आग //

आँखें खोल देख रे मूरख - सरे आम कैसी लूट मची देख
गधे की तरह तू काम करे और सारी मलाई खाएँ घाग //

तेरे घर पे जले न दीया - उनके यहाँ पर दीवाली की धूम
मातम के सूर में तू गाए - और उनके यहाँ गूँजे है फाग //

माना तुझ में नहीं है हिम्मत - और ख़ौफ़ भी है दिल में
बेड़ा गर्क हो इन कमीनों का - इतनी दुआ तो चल तू माँग //
जो समझना चाहें समझ लें क्या लिखा है 

हक़ नहीं है तुमको बोलने की - लगा के रखों ज़ुबान पे ताला
तुम हो हुकम के गुलाम जाहीलों - हम आका और हुज़ूरे आला //

क़ायदा क़ानून हम ही तो बनाते - उसको चाहें तोड़ेंगे हम ही
चाहो चीखो और चिल्लाओ कितना भी कुछ नहीं होनेवाला //

कोई भी ऐसी नहीं अदालत - जहाँ पे अपने नाम न केस हो
घाट घाट का है पानी पिया रे - अपुन तो नहीं डरनेवाला //

चाहें तो कर लें हम रेप - या फिर मर्डर या हो लूट पाट
माई का लाल न पैदा हुआ अभी हमको यहाँ रोकनेवाला //

चले गये विदेशी फिरंगी - पर हम तो बिखेरे जाते हैं रंग
उसके तो हैं मज़े और ऐश अपने रंग में जो है रंगने वाला //

फेस बुक पर कस देते हैं लगाम देखें कैसे उछलते हो अब
हद में रह रे आज़ाद परिंदे बस तेरा पर अब कटनेवाला //