ऐसे होता है विकास का विनाश
चार मित्र थे एक ही गाँव के रहने वाले / एक साथ बढे और पढ़े / चारों की विचारधारा भी क जैसी ही थी / हरित क्रांति को मूर्त्त रूप देने के लिए उन्होंने कृषि विज्ञानं का अध्ययन किया और स्नातक भी बने / उसके बाद प्रारंभ हो गया बदनसीबी का दौर / जगह जगह मारे मारे फिरे , नौकरी सरकारी या गैर सरकारी कहीं भी न मिली / एक आध एन जी ओ में जा कर कुछ समय काम किया तो देखा कि वहाँ उनके ज्ञान और भावनाओं का दोहन करने वाले जाने कब से उनका इंतज़ार कर रहे थे / अपनी योजनाओं को साकार करने वह बैंकों में भी गये ऋण के लिए पर वहाँ भी निराशा हाथ लगी /
आखिर थक हार कर उन्होंने अपने ही बल बूते पर कुछ करना तय किया / गाँव लौटे , चारों ने अपनी ज़मीन को मिला कर एक फार्म का शक्ल दे डाला और एक सहकारिता समिती बना कर वहाँ फल, फूल , औषधीय वृक्ष- लता और बड़े बड़े पेड़ लगाया / गाँव में बेकार घूम रहे युवकों को समझा बुझा कर अपने साथ कर लिया और ४ - ५ सालों में सफलता के शिखर छूने लगे सब / गाँव के एक छूट -भैय्या नेता को यह सब अखरा और उसने योजना बनाई समिती को हथियाने की / उसने मित्रों को कहा , बेटे एक काम करो राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री को निमंत्रण दे कर एक समारोह का आयोजन कर डालो, फिर देखना कैसा चमत्कार होता है /
इन लोगों ने बात मान ली नेता की, मंत्री आया , फार्म देखा, बड़ी तारीफ की / मंत्री ने कहा इस गाँव के विकास के लिए मैं इस फार्म को राष्ट्रीयकृत करने की घोषणा करता हूँ , सभी ने ताली बजाई / कुछ ही दिनों सरकारी खानापूरी हो गयी, चारों मित्रों को नाम भर के लिए कुछ मुआवजा दिया गया और २ / ३ महीने के बाद फार्म के फाटक पर एक बड़ा सा ताला लगा हुआ दिखा / गाँव के बेकार घूम रहे युवक फिर अपनी पुराने जीवन पथ पर लौट गए और चारों साथी फिर से जीवन संघर्ष में रत हो गए
कुछ समय बाद देखा गया कि फार्म हाउस के सारे पेड़ों को काट कर शहर के एक लकड़ी के व्यापारी को बेच दिया गया है और वहाँ एक होलीडे रेसोर्ट सर उठाये खड़ा है जिसका मालिक खुद मंत्री था / इधर गाँव के उसे नेता ने भी अपना पुश्तैनी घर को तुडवा कर वहाँ एक भव्य ईमारत बना ली थी , कैसे यह बताने की ज़रुरत नहीं /
चारों मित्र गाँव लौटे एक बार तो नेता मिल गया और पूछा कैसे हो बेटे ? सभी ने कहा एक स्वर में आपके चमत्कार के बाद और कैसे हो सकते हैं यह जानते नहीं क्या ?
क्या यह आपको असंभव लग रहा है ?
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