Friday, December 30, 2011

सुबह सुबह, यदि माता रानी का स्मरण कर लिया जाए तो कैसा रहे मित्रों ? / आनंद लीजिये एक वंदना का , आज का पहला पोस्ट 

हे शैलपुत्री माता, हे शैलपुत्री माता 
सारा जग तो निशदिन मैय्या तेरी महिमा गाता 
हे शैलपुत्री माता, हे शैलपुत्री माता 
खोल के मुख क्यों कहूं मैं, मन की बातें तुझे पता
हे शैलपुत्री माता, हे शैलपुत्री माता -------------------
तूने जनम दिया मानव का और भेजा इस धाम में
लौट के जाऊंगा एक दिन तो, पूरा कर सब काम मैं
सीधी डगर पे चलता रहूँ मैं, राह तू मुझको दे बता
हे शैलपुत्री माता, हे शैलपुत्री माता ------------------
दुःख हरूँ मैं पीड़ित जनों का, दे दूं हँसी हर होंठ पर
उसको दुआएं दे मन मेरा, खाऊँ किसीसे चोट अगर
भूल से भी न सोचूँ मैं यह, दूं मैं किसीको कभी सता
हे शैलपुत्री माता, हे शैलपुत्री माता --------------
करुणा तुम बरसाती रहना , माता विनती है इतनी
काँटा कभी न लगे किसीको, बिखरा दो कलियाँ इतनी
सारे जग में शांति फैले,खुश हों सब भगिनी - भ्राता
हे शैलपुत्री माता, हे शैलपुत्री माता ---------------------

No comments:

Post a Comment