देश के ध्वस्त राजनीतिक स्थिति पर एक कटाक्ष - पेरोडी के रूप में - मूल गीत है फिल्म "प्यासा" का "जाने वह कैसे लोग थे जिनके "/ तो पढ़िए इस गीत को
जाने वह कैसे लोग थे जिनको सब "पॉवर " मिला
हमने तो जब नेता चुना, धोखा हर बार मिला ,--------
देह की फिक्र हमको थी, बेचा नेताओं ने इसे
आसमान पे उड़ता है, नंगे पैर कभी देखा जिसे
खाना बनाने का देखो किसे, कैसा "पुरस्कार" मिला
हमने तो जब नेता चुना, धोखा हर बार मिला ,--------
निकल गया -- निकल गया ----
निकल गया हर नेता यहाँ वादे करके तो कई
"हल" तो मिला न एक भी यारों, रोज़ "समस्या" नई
उस्तरा लिए करे हजामत , हमें बन्दर मिला
हमने तो जब नेता चुना, धोखा हर बार मिला ,--------
राह सूझे न अब तो कोई, आओ चलें मिल कर
खुद की हमको सोचना है रे , खाएं न अब ठोकर
सबक सिखायेंगे उसको, जो भी गद्दार मिला
हमने तो जब नेता चुना, धोखा हर बार मिला ,--------
जाने वह कैसे लोग थे जिनको सब "पॉवर " मिला
हमने तो जब नेता चुना, धोखा हर बार मिला ,--------
देह की फिक्र हमको थी, बेचा नेताओं ने इसे
आसमान पे उड़ता है, नंगे पैर कभी देखा जिसे
खाना बनाने का देखो किसे, कैसा "पुरस्कार" मिला
हमने तो जब नेता चुना, धोखा हर बार मिला ,--------
निकल गया -- निकल गया ----
निकल गया हर नेता यहाँ वादे करके तो कई
"हल" तो मिला न एक भी यारों, रोज़ "समस्या" नई
उस्तरा लिए करे हजामत , हमें बन्दर मिला
हमने तो जब नेता चुना, धोखा हर बार मिला ,--------
राह सूझे न अब तो कोई, आओ चलें मिल कर
खुद की हमको सोचना है रे , खाएं न अब ठोकर
सबक सिखायेंगे उसको, जो भी गद्दार मिला
हमने तो जब नेता चुना, धोखा हर बार मिला ,--------
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