फिल्म- राजकुमार, - गीत- तुमने किसीकी जान को जाते हुए देखा है
तुमने किसीको देश को लूटते हुए देखा है
देखो हर एक नेता मेरा देश लूट रहा है ;--------
इनपे भरोसा कर इन्हें कुर्सी था इनको सौंपा
हमको गुमान था न यह दे जायेंगे यह धोखा
देखी जो इनकी हरकत, पछता यह मन रहा है,----
कहते हैं सब हैं भाई, पर फूट डालते यह
आपसमें हम जो लड़ते "सिटी" बजाते हैं यह
समझो न क्यों रे भाई, चक्कर जो चल रहा है,------
"सुरसा" के मुँह के जैसे महंगाई बढ़ रही है
आटा हुआ है गीला, गुरवत सता रही है
मातम के धून में अब तो हर कोई गा रहा है ,----
इनको हज़ारों मस्ती, जलती है तेरी बस्ती
हाथी से झूमते हैं, ऐसी है इनकी "हस्ती ,"
पागल हुआ है हाथी, घर तेरा टूट रहा है ,--------
हद हो चुकी है अब तो इनके कमीनेपन की
जो हैं शरीफ देश में, कमजोरों में है गिनती
रोकेंगे ज़ुल्म अब तो , हर कोई कह रहा है ,------------
तुमने किसीको देश को लूटते हुए देखा है
देखो हर एक नेता मेरा देश लूट रहा है ;--------
इनपे भरोसा कर इन्हें कुर्सी था इनको सौंपा
हमको गुमान था न यह दे जायेंगे यह धोखा
देखी जो इनकी हरकत, पछता यह मन रहा है,----
कहते हैं सब हैं भाई, पर फूट डालते यह
आपसमें हम जो लड़ते "सिटी" बजाते हैं यह
समझो न क्यों रे भाई, चक्कर जो चल रहा है,------
"सुरसा" के मुँह के जैसे महंगाई बढ़ रही है
आटा हुआ है गीला, गुरवत सता रही है
मातम के धून में अब तो हर कोई गा रहा है ,----
इनको हज़ारों मस्ती, जलती है तेरी बस्ती
हाथी से झूमते हैं, ऐसी है इनकी "हस्ती ,"
पागल हुआ है हाथी, घर तेरा टूट रहा है ,--------
हद हो चुकी है अब तो इनके कमीनेपन की
जो हैं शरीफ देश में, कमजोरों में है गिनती
रोकेंगे ज़ुल्म अब तो , हर कोई कह रहा है ,------------
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