Thursday, December 22, 2011

कुछ मित्रों का अनुरोध था कि कुछ दिनों तक "मामा" को आराम दे कर, तीर किसी और पर साधा जाए/ कल एक पर चलाया था और मेरे चाहनेवालों ने उसे सही पहचाना भी ./ आज और एक गिरगिट पर लिख रहा हूँ/ पढ़िए और बताइए कि कौन है यह ? मूल गीत एक दोगाना था - "बड़े अरमान से रखा है बालम तेरी क़सम" पर यह गीत गिरगिट अकेले ही गा रहा है क्यों कि मैडम में इतनी अक्ल हैं नहीं संगीत और साहित्य को समझने के लिए / तो पढ़िए मित्रों 

बड़े अरमान से रखा है मैडम तेरी क़सम , ओ मैडम तेरी क़सम 
तेरी सरकार में, मैंने यह क़दम , हो मेरे क़दम 
जुदा कर देंगे हमें विरोधी में न है यह दम, ओ मैडम है नहीं दम 
तेरी सरकार में मैंने यह क़दम, हो मेरे क़दम ----------------
मिली जो कुर्सी , पूरी हो गई आरज़ू मेरी
लगा कि खत्म हुई बरसों की जुस्तजू मेरी
नाम के तेरे माला , जापते जायेंगे जी हम, हाँ जी जायेंगे जी हम
तेरी सरकार में मैंने यह क़दम ,हो मेरे क़दम ,---------------
तेरे इन चरणों में दिखते मुझे दोनों जहाँ
इन्हीको छोड़के अब बोलो तो जाऊं मैं कहाँ
यु पी में मिलके तो सरकार बनायेंगे जी हम, हाँ बनायेंगे जी हम
तेरी सरकार में मैंने यह क़दम , हो मेरे क़दम ---------------
तेरे खादिम को कुछ और तो दरकार नहीं
मेरे बगैर बने कोई भी सरकार नहीं
दया तू रखना, रे विनती मैं करूँ मूढ़ अधम, ओ मैडम मैं हूँ अधम
तेरी सरकार में मैंने यह क़दम, हो मेरे क़दम --------------------

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