Thursday, December 25, 2014

अपनी आदत मैं कैसे छोड़ दूँ भाई ? आज माननीय अटल जी का रोमन दिन पंजी के हिसाब से जन्म दिवस है- तो क्यों न उनके नाम पर एक कविता लिखी जाए ? ऐसा अवसर हर किसी को कहाँ मिलता है
अ----- अटल नाम को किया सही प्रमाणित
ट----- टले न कभी भी अपनी डगर से वह
ल---- लंबा सफ़र जनसेवा के व्रत का कर
ब़ि--- बिछड़ी कड़ियों को जोड़ते रहे हैं वह
हा --- हार से उनका हृदय हुआ न पराजित
री --- रीढ़ की हड्डी इस राष्ट्र के हैं तो वह
वा --- वाणी में उनकी रहा सदा ओज-जोश
ज---- जन जन में चेतना जगाते रहे हैं वह
पे ---- पेड़ यह छायादार बना रहे सदा यूँ ही
ई----- ईश्वर से करते विनती- सुनेंगे ही" वह"
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