Wednesday, December 3, 2014



यह बात और है कि मुहम्मद इक़बाल ने पाकिस्तान में रहना पसंद किया पर सारे जहाँ से अच्छा गीत तो लिखा था उन्होने - आज उसी गीत को नेता कैसे गाते हैं देखिए
सारे जहाँ में सबसे कुर्सी है हम को प्यारी
प्यारी-सारे जहाँ में सबसे कुर्सी है हम को प्यारी
इस कुर्सी पर ईमान से वारी है दुनिया सारी 
सारी - सारे जहाँ में सबसे कुर्सी है हम को प्यारी....
इस कुर्सी पे जो बैठे उसकी तो बात और है
खोटी जो कहे भी कहते हैं लोग है खरी
खरी - सारे जहाँ में सबसे कुर्सी है हम को प्यारी---
कोई भी जुर्म कर लो बेखौफ़ हो के रह लो
कुर्सी पे डटे जो हर कोई करे तरफ़दारी
दारी- सारे जहाँ में सबसे कुर्सी है हम को प्यारी.----
इंसान तो कुछ नहीं है सब कुछ है यह कुर्सी
बैठा जो इस पे उसकी - सब करते जी हुज़ूरी
हुज़ूरी- सारे जहाँ में सबसे कुर्सी है हम को प्यारी----
जब तक रहेंगे ज़िंदा रहे साथ यह कुर्सी का
मरने के बाद बन भूत करेंगे रे सेंध मारी
मारी - सारे जहाँ में सबसे कुर्सी है हम को प्यारी.---
बीवी बच्चों की छोड़ो- मामला जो हो कुर्सी का
कुर्सी के लिए करेंगे- हम देश से भी गद्दारी
गद्दारी - सारे जहाँ में सबसे कुर्सी है हम को प्यारी----

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