Wednesday, December 3, 2014



आरज़ू
मुझको बना दो प्रभु बारिश की बूँद
गिर जाऊं मैं इस तपती धरती पर //
चाहे भाप बन कर मैं उड़ जाऊं भले
काम मैं आ जाऊं किसी के मगर //
जनम लूँ फिर एक दिन मर जाऊं
खा पी कर मैं बिता लूँ यह जीवन //
इस को अगर जीवन है यहाँ कहते
किस काम का है बोलो ऐसा जीवन//
सब को मानूं अपना -दिल ऐसा दो
हर ठोकर झेलूँ हौसला मुझे ऐसा दो//
नहीं चाहिए स्वर्ग सुख मुझको प्रभु
इस मर्त्य को ही अब स्वर्ग कर दो//
हर दिल में भर दो तुम प्यार इतना
के हर तरफ बहार ही बहार दिखे //
रंजिश का न रहे यहाँ नामो निशान
सब की नज़र को 'कुंदन' प्यार दिखे//

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