Thursday, December 25, 2014

मित्रों दुआ से बढ़कर कुछ भी नहीं है जीवन में- जीवन में मैने बहुत सारी संकट का सामना किया ज़रूर है- पर मित्रों की दुआ ही सदा ढाल बन कर आई है मेरी रक्षा के लिए -अभी हाल ही में मेरी पत्नी के शरीर पर शल्य क्रिया की गयी- डॉक्टर ने बताया था मामला बड़ा पेचीदा है- पर आप सब मित्रों की दुआ ही काम आए मेरे..
दुआ का माहात्म्य पर एक कविता- अगर आप स्वीकार करें तो आपका कल्याण होगा
दुआ मिले न बाज़ार में 
दुआ न तो हाट बिकाए 
दुआ अनमोल चीज़ है
जो संकट में काम आए//1
दुआ कमा लो जीवनमें
इसे चोर न कभी चुराए
दुआ न तो आगमे जले
दुआ को न जल डूबाए//2
दुआपे न कोई कर लगे
रात दिन ही बढ़ता जाए
जिसने कमाया हो दुआ
कुछ और क्यों कमाए//3
जीवन है बहुत ही छोटी
और नेक काम है बाकी
नेकी तू करता जा बंदे
नेकी ही दुआ तो दिलाए//4
हमने अपने मनकी कही
हित जिस में सबका होय
चाहो तो अपनाओ इसे
जो दिल में बात समाए //5
'कुंदन' को नहीं आस कोई
कहे मंगल सब का होय
जाएँगे सब तो छोड़ यहाँ
ले कर कहाँ कुछ आए //6

No comments:

Post a Comment