Sunday, January 8, 2012

Hansna chahte hain, to lijiye padhiye ise, aur hansen;

आज फिर मन में पेरोडी लिखने का जोश उमड़ आया है मन्नू मामा पर/ मूल गीत है फिल्म "पत्थर के सनम " का "तौबा यह मतवाली चाल" / पढ़िए मज़ा लीजिये और अगर गा सकते हैं तो गाईये 

तौबा तेरी यह कमीनी चाल, उड़ गए सब के सर के बाल 
राहू केतु की क्या है ज़रुरत , जब तक तू है बहाल
कुर्सी पे , करेगा हमें तू कंगाल , तौबा तेरे यह कमीनी चाल ----
माना था दिल तू बड़ा अकलमन्द है
लेकिन किसीकी मुट्ठी में तू बंद है
जो रहबर तेरे जैसा कोई हो जाए
तो देश की खाट खड़ी हो जाए
किसी को इसका ख्याल कहाँ, तौबा तेरी यह कमीनी चाल ----
बत्तीस में तू ले के आया अमीरी
ग़रीबों से सदा रखी है तूने दूरी
करोड़ों से तो खेलता तू खुद है
हमको मिटा देगा तेरी यह जिद है
खुद से पूछा सवाल तू कहाँ , तौबा तेरी यह कमीनी चाल ----

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