Tuesday, January 3, 2012

जीवन अपने आप में एक लम्बी यात्रा है और इसी यात्रा के दौरान हम बीच बीच में छोटी छोटी यात्रायें करते रहते हैं /छोटी छोटी यात्रा करते हुए हम अपनी टिकट का बंदोबस्त करते हैं, सीट कहाँ पर हैं यह खोजते है, अपने सामान को सुरक्षित रखते हैं जो कि एक ज़रूरी आवश्यकता है /अगर हम किसी नए मंजिल की तरफ यात्रा करते हैं तो पास बैठे सहयात्रियों से उस स्थान के बारे में भी जानकारी हासिल कर लेते हैं ताकि हमें वहां पहुँच कर कोई असुविधा का सामना करना न पड़े /

परन्तु सबसे लम्बी और बड़ी यात्रा की चिंता हममें से कितने लोग करते हैं कभी हमने अपने से पूछा है क्या ? / अगर पूछते तो शायद लोग जीवन में भटकाव का शिकार नहीं होते और यह धरती स्वर्ग से भी सुन्दर बन जाता / परन्तु दुःख और चिंता इस बात की है कि आज कल जो अपने आपको शिक्षित और विद्वान् समझते हैं उन्हें इन विषयों पर हमने बहुत कम सोचते देखा है / उनके लिए लिए तो एक ही नीति वाक्य है "कल क्या होगा किसको पता, अभी ज़िन्दगी का ले लो मज़ा "/ काश कि वह यह समझ पाते "कल क्या होगा किसको पता, सही राह पे तू चलके बता " ईश्वर सभी को सदबुद्धि दें

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