Wednesday, January 4, 2012

राजनीती पर कुछ पंक्तियाँ लिखी है मैंने, आप सभी का ध्यान चाहूंगा और इस टिप्पणी भी 

बेकारी का रोना मत रो यार, राजनीति में कूद पड़ो
कोई न काम जो आता हो तो, राजनीति में कूद पड़ो//
न हिंग लगे न फिटकरी , और रंग भी चोखा आवे है 
रंगवा लो जो भी चाहो तुम , राजनीति में कूद पड़ो //
जेब से न लगे एक पैसा, और मुनाफ़ा भी है खूब
ऐसा अनोखा धंधा है यह, राजनीति में कूद पड़ो //
नौकरी में क्या रखा है ,सर को क्यों झूकाओगे
हर शै को झुकाना हो जो , राजनीति में कूद पड़ो//
बी ए , एम्.ए,पी एच डी, इन सब का क्या मोल है
सबसे ऊंची डिग्री जो चाहो राजनीति में कूद पड़ो//
हुनर की न कोई पूछ है, अपने इस देश में ए भाई
हुनर सीखके क्या करना है, राजनीति में कूद पड़ो//
जाए देश यह भाड़ में, और साथ में जनता सारी
खुद की सोच लो भाई मेरे, राजनीति में कूद पड़ो//

No comments:

Post a Comment