Tuesday, January 3, 2012

बाबा के नाम पर एक और भजन प्रस्तुत कर रहा हूँ / आप की टिप्पणी की प्रतीक्षा रहेगी /

शिव का भजन तू कर ले रे मनवा, शिव का भजन तू कर ले 
मानव जीवन ऐसे न गँवा तू, नाम सुमिरण कर ले रे ,-----
तनोए भभूत और सर पे जटायें, रूप यह कितना मनोहर है 
धारा गंगा जी की निकले सरे से, गले पर साजे विषधर है
इनकी प्यारी और मनोरम छबि तू मन में बसा ले रे , शिव का भजन तू कर ले --
शैल शिखर पर प्रभु विराजे , घर की चिंता न है उनको
धन दौलत के पीछे तू फिर, क्यों भटकाए इस मन को
जोड़ा जो भी तुने यहाँ पर, संग न जाएगा जान ले रे , शिव का भजन तू कर ले रे --
महादेव भी कहलाते हैं शिव, मेरे शंकर हैं भोले
चाहे जो कृपा इनकी, मनको तू निर्मल कर ले
आशुतोष मेरे उमापति हैं, इनके शरण तू अब हो ले रे , शिव का भजन तू कर ले रे --

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