Sunday, July 27, 2014

मित्रों अमर शहीद आज़ाद जी के जन्म दिवस पर एक छोटी सी कविता प्रस्तुत कर रहा हूँ- आशा करता हूँ कम से कम 4 या 6 तो पसंद करेंगे ही- टिप्पणी न सही

श्री----- श्री हीन हो गया भारतवर्ष खो गया जो आप जैसा सपूत
च ----- चंदनसे देश वंचित रह गया - गद्दार लोगों की ऐसी करतूत
द्र ----- द्रव्य अब देश इनकी नज़रमें आपकी नज़र में जो थी माता
शे ----- शेर सम वीर बलिदान हो गये - कापुरुषों ने जला दी चिता
ख ---- खच्चर देश में बने है "चेतक" दुर्भाग्य है यह कहो रे कैसा
र ----- रक्त ही जिनका दूषित हो- रहे सुरक्षित मेरा देश कैसा
आ ---- आओ लौट कर हे महावीर - तुमको रो रो के पुकारे यह देश
जा ---- जाने कहाँ पर खो गये तुम- कैसे पहुँचे तुम तक यह संदेश
द ----- दसो दिशाएं ढूँढ रहे हैं तुमको- लौट आते काश आज़ाद जी
जी ---- जी तो अपना हर्षित हो जाता - गद्दार जनों की होती बरबादी

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