एक लघु कथा
बहुत बड़े डॉक्टर थे यह - इनसे बात करने के लिए भी हफ्ते भर पहले नंबर लगाना पड़ता था इनके क्लिनिक पर - सारे शहर में मशहूर ..
उनका बच्चा अचानक एक दिन बीमार पड़ गया - स्कूल से लौटा तो तबीयत बिगड़ी हुई थी- पत्नी ने आकर कहा सुनो मुन्ने की तबीयत कुछ ठीक नहीं है- ज़रा चल कर एक बार देख तो लो.
डॉक्टर साहब ने सुना - फोन उठाया और नंबर लगाया - कुछ बातें की - कुछ ही देर में एक और डॉक्टर आ पहुँचे इन के यहाँ . बच्चे को देखा दवा लिख दी और इन्हे पूछा आप खुद इतने बड़े डॉक्टर हैं तो फिर मुझे आपने किस लिए बुलाया भला
इन्होने जवाब दिया मैं इतना बड़ा डॉक्टर हूँ और मैं छोटे केस नहीं लेता उपर से मेरी फीस भी तो आपसे कहीं ज़्यादा है
ऐसे जानकार को मूरख कहने में क्या बुराई है बताइए - समाज ऐसे पंडितों से भरा पड़ा है
बहुत बड़े डॉक्टर थे यह - इनसे बात करने के लिए भी हफ्ते भर पहले नंबर लगाना पड़ता था इनके क्लिनिक पर - सारे शहर में मशहूर ..
उनका बच्चा अचानक एक दिन बीमार पड़ गया - स्कूल से लौटा तो तबीयत बिगड़ी हुई थी- पत्नी ने आकर कहा सुनो मुन्ने की तबीयत कुछ ठीक नहीं है- ज़रा चल कर एक बार देख तो लो.
डॉक्टर साहब ने सुना - फोन उठाया और नंबर लगाया - कुछ बातें की - कुछ ही देर में एक और डॉक्टर आ पहुँचे इन के यहाँ . बच्चे को देखा दवा लिख दी और इन्हे पूछा आप खुद इतने बड़े डॉक्टर हैं तो फिर मुझे आपने किस लिए बुलाया भला
इन्होने जवाब दिया मैं इतना बड़ा डॉक्टर हूँ और मैं छोटे केस नहीं लेता उपर से मेरी फीस भी तो आपसे कहीं ज़्यादा है
ऐसे जानकार को मूरख कहने में क्या बुराई है बताइए - समाज ऐसे पंडितों से भरा पड़ा है
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