Monday, July 14, 2014

मैं अक्सर कहा करता हूँ कि कभी भी किसी से बी कुछ भी सीखा जा सकता है - उम्र कभी अक्ल का पैमाना नहीं होता ..

बेटा खुशी खुशी घर आया और माँ को मिठाई देते हुए कहा - मेरे मित्र के यहाँ उसकी नयी बहन आई है - यह ले मीठाई

माँ ने कहा - मरदूद किसी के यहाँ बेटी हुई तो तू क्यों उछल रहा है- नालायक

बेटे ने कहा - माँ कल हमारे यहाँ दीदी की शादी हो और मोहल्ले का कोई भी तेरे घर न आए - चेहरा लटका कर बैठा रहे तो तुझे उस में मज़ा आएगा क्या ?

माँ ने बेटे को गले लगा लिया और कहा तूने मेरी आँखें खोल दी बेटे 

दूसरों की खुशी का हिस्सा बानिए - भगवान खुशी के मौके बार बार नहीं देते

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