क्या इस पर सोचना नहीं चाहिए ?
आप सभी हिंदी फिल्म तो देखते ही होंगे / फिल्म में जो खलनायक रहता है , हज़ार तरीके निकलता रहता है सभी को किसी न किसी तरह परेशान करने के लिए / और आखिर में जब उसे सबक सिखाने के लिए कोई निकलता है तो उसे फ़ौरन मारने के वजाय हाथ में पिस्तोल ले कर उसे उसकी करतूतें सुनाता रहता है / इसी क्रम में वह उसके इतना पास चला जाता है कि खलनायक उसका पिस्तोल छीनकर उसीको मार डालता है / इस तरह के दृश्य हम कई फिल्मों में देख चुके हैं , फिर भी इससे हम सबक नहीं लेते / देश में कांग्रेस भी वही करती आयी है जाने कबसे , जिनसे खतरा दिखा उन्हें हमेशा के लिए सुलाना इनकी आदात बन चुकी है /चाहे वह अन्ना हो, बाबा रामदेव हो या कोई और व्यक्ति या संगठन हो , आखिर कांग्रेस को इतना मौका क्यों देते हैं संभलने के लिए / शत्रु को बचाव का मौका दे कर आक्रमण करना कहाँ की बुद्धिमानी है ? अगर सचमुच कुछ करना है तो बस "आर या पार" , वर्ना इस तरह के आयोजन से यह लोग जनता का विश्वास खो बैठेंगे धीरे धीरे और वही दानवराज अनंतकाल तक चलता रहेगा इस देश में / अगर टक्कर लेने की हिम्मत हो तो लढ़ पड़ो वर्ना चुप चाप तकदीर का रोना ले कर घर के कोने में पड़े रहो / याद है न जब कर्ण निशस्त्र हो कर रथ का पहिया निकल रहा था तभी उस पर तीर छोड़ने के लिए कहा था श्री कृष्ण ने अर्जुन से. ... सोचो ध्यान दो इस पर
आप सभी हिंदी फिल्म तो देखते ही होंगे / फिल्म में जो खलनायक रहता है , हज़ार तरीके निकलता रहता है सभी को किसी न किसी तरह परेशान करने के लिए / और आखिर में जब उसे सबक सिखाने के लिए कोई निकलता है तो उसे फ़ौरन मारने के वजाय हाथ में पिस्तोल ले कर उसे उसकी करतूतें सुनाता रहता है / इसी क्रम में वह उसके इतना पास चला जाता है कि खलनायक उसका पिस्तोल छीनकर उसीको मार डालता है / इस तरह के दृश्य हम कई फिल्मों में देख चुके हैं , फिर भी इससे हम सबक नहीं लेते / देश में कांग्रेस भी वही करती आयी है जाने कबसे , जिनसे खतरा दिखा उन्हें हमेशा के लिए सुलाना इनकी आदात बन चुकी है /चाहे वह अन्ना हो, बाबा रामदेव हो या कोई और व्यक्ति या संगठन हो , आखिर कांग्रेस को इतना मौका क्यों देते हैं संभलने के लिए / शत्रु को बचाव का मौका दे कर आक्रमण करना कहाँ की बुद्धिमानी है ? अगर सचमुच कुछ करना है तो बस "आर या पार" , वर्ना इस तरह के आयोजन से यह लोग जनता का विश्वास खो बैठेंगे धीरे धीरे और वही दानवराज अनंतकाल तक चलता रहेगा इस देश में / अगर टक्कर लेने की हिम्मत हो तो लढ़ पड़ो वर्ना चुप चाप तकदीर का रोना ले कर घर के कोने में पड़े रहो / याद है न जब कर्ण निशस्त्र हो कर रथ का पहिया निकल रहा था तभी उस पर तीर छोड़ने के लिए कहा था श्री कृष्ण ने अर्जुन से. ... सोचो ध्यान दो इस पर
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