हर कोई जो जन्म लेता है उसकी मृत्यु एक दिन सुनिश्चित है, यह हर कोई जानते हुए भी मृत्यु से भागने का प्रयास बनाये रखता है / एक आदमी को लेने के लिए यमदूत आ पहुंचे कालफांस लिए हाथ में/ आदमी ने गिडगिडाना शुरू कर दिया / कहने लगा पहले से खबर तो दी होती ताकि मैं अपना सांसारिक काम ख़तम कर लेता / यमदूत ने कहा तुझे हमने खबर दी थी तू जान नहीं पाया तो दोष किसका ? / आदमी ने कहा, झूठ, कब खबर दी. ? / आदमी से यमदूतों ने कहा पहले तुझे आँखों से दिखना कम होने लगा फिर कान भी कमज़ोर पड़ने लगे, एक एक कर दांत गिर गए , सर के बाल झड़ने लगे, शरीर की चमड़ी पर लोच पड़ने लगे , चलने फिरने में उठने बैठने में तुझे तकलीफ होने लगी / यह सब तो तुझे सूचना थी कि तेरा समय समाप्त होने वाला है /
इसी कथा के सन्दर्भ में सोचिये, देश में लोकतंत्र की जो दुरावस्था हो रही है उसकी सूचना पा कर भी अगर जनता न जगी तो क्या इसी तरह के स्थिति एक दिन नहीं आयेगी ? तो मित्रों अब भी समय है जागो, नहीं तो बाद में केवल पछतावा ही हाथ लगेगा
इसी कथा के सन्दर्भ में सोचिये, देश में लोकतंत्र की जो दुरावस्था हो रही है उसकी सूचना पा कर भी अगर जनता न जगी तो क्या इसी तरह के स्थिति एक दिन नहीं आयेगी ? तो मित्रों अब भी समय है जागो, नहीं तो बाद में केवल पछतावा ही हाथ लगेगा
No comments:
Post a Comment