Monday, July 30, 2012

हर कोई जो जन्म लेता है उसकी मृत्यु एक दिन सुनिश्चित है, यह हर कोई जानते हुए भी मृत्यु से भागने का प्रयास बनाये रखता है / एक आदमी को लेने के लिए यमदूत आ पहुंचे कालफांस लिए हाथ में/ आदमी ने गिडगिडाना शुरू कर दिया / कहने लगा पहले से खबर तो दी होती ताकि मैं अपना सांसारिक काम ख़तम कर लेता / यमदूत ने कहा तुझे हमने खबर दी थी तू जान नहीं पाया तो दोष किसका ? / आदमी ने कहा, झूठ, कब खबर दी. ? / आदमी से यमदूतों ने कहा पहले तुझे आँखों से दिखना कम होने लगा फिर कान भी कमज़ोर पड़ने लगे, एक एक कर दांत गिर गए , सर के बाल झड़ने लगे, शरीर की चमड़ी पर लोच पड़ने लगे , चलने फिरने में उठने बैठने में तुझे तकलीफ होने लगी / यह सब तो तुझे सूचना थी कि तेरा समय समाप्त होने वाला है /

इसी कथा के सन्दर्भ में सोचिये, देश में लोकतंत्र की जो दुरावस्था हो रही है उसकी सूचना पा कर भी अगर जनता न जगी तो क्या इसी तरह के स्थिति एक दिन नहीं आयेगी ? तो मित्रों अब भी समय है जागो, नहीं तो बाद में केवल पछतावा ही हाथ लगेगा

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