एक और अनुरोध आया था बहन नैनी ग्रोवर से , कि फिल्म "मिलन" के गीत, "सावन का महीना पवन करे शोर " पर एक गीत उनके लिए लिखूँ. / तो लीजिये पढ़िए इस गीत को
- मेरे देश सा शासन किसी और देश में न हो
हमरी जैसी हालत हे प्रभु और किसीकी न हो -----
- क्यों करता है शिकवा, चुपचाप बैठ कर रो
तुमने वोट दिया था , अब तुम ही तो भुगतो ---
- मालूम कहाँ था कि यह देंगें रे धोखा
- पछताने से क्या होगा निकल गया मौका
सांप तो निकल गया है,अब लकीर क्यों पीटो
तुमने वोट दिया था , अब तुम ही तो भुगतो ---
- क्या क्या किये थे वादे , अब याद आये
- चुग गयी चिड़िया जब क्यों पछताए
सोच समझ के चले जो, दशा न ऐसी हो
तुमने वोट दिया था , अब तुम ही तो भुगतो ---
- तुम ही बता दो भाई अब राह क्या है
- जैसे को तैसा करें बुराई ही क्या है
लात के भूत जो हों रे, बातें उनसे क्यों हो
तुमने वोट दिया था , अब तुम इनसे निपटो ---
- मेरे देश सा शासन किसी और देश में न हो
हमरी जैसी हालत हे प्रभु और किसीकी न हो -----
- क्यों करता है शिकवा, चुपचाप बैठ कर रो
तुमने वोट दिया था , अब तुम ही तो भुगतो ---
- मालूम कहाँ था कि यह देंगें रे धोखा
- पछताने से क्या होगा निकल गया मौका
सांप तो निकल गया है,अब लकीर क्यों पीटो
तुमने वोट दिया था , अब तुम ही तो भुगतो ---
- क्या क्या किये थे वादे , अब याद आये
- चुग गयी चिड़िया जब क्यों पछताए
सोच समझ के चले जो, दशा न ऐसी हो
तुमने वोट दिया था , अब तुम ही तो भुगतो ---
- तुम ही बता दो भाई अब राह क्या है
- जैसे को तैसा करें बुराई ही क्या है
लात के भूत जो हों रे, बातें उनसे क्यों हो
तुमने वोट दिया था , अब तुम इनसे निपटो ---
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