Monday, July 30, 2012

मित्रों , सरकारी स्तर पर तो देश के बारे में बहुत बड़ी बड़ी बातें की जाती हैं / देश का नाम भारत किसी को कहता नहीं सुना आज तक , हर कोई इंडिया ही कहता है / ६५ साल पूरे हो जायेंगे देश को कथित रूपसे स्वतंत्र हुए, मन्नू मामा जायेगा झंडा फहराने, बड़े बड़े उपदेश ऐसे देगा जिसका पालन उसने खुद कभी न किया जीवन में / पर वास्तविकता क्या है , सोचिये ज़रा / और इसी सोच को मैंने उतारने का प्रयास किया है एक गीत के माध्यम से , जो मूल गीत फिल्म "नास्तिक" का "गगन झनझना रहा " पर आधारित है / मेरा काम है कहते जाना , अगर सुनें तो बहुत अच्छा , न सुनें तो मेरा भाग्य खोटा--- खैर पढ़िए

भारत को मेरे क्या हुआ - कण कण है जिसका जल रहा
क़दम क़दम पे बैठा है शैतान
ओ देशवासी ओ सावधान ,-------------------

ओ भाइयों, ओ बहनों, ओ माता पिता सुनलो रे पुकार
देश को डुबाने लगा, जो था खेवनहार
अब जागने का है दरकार (२)
हिम्मत न हार, सुन आत्मा की पुकार
तभी तो होगा रे बन्दे कोई चमत्कार ,-------------------

पग पग पे है अन्याय , झूठों का तो राज है यहाँ
इन्साफ का नाम नहीं , न ही है ईमान
क्या यह है हमारी पहचान (२)
बदलेगा देश, जो तू बदले
अपनी शक्ति अब पहचान ले ,---------------------

मैं कमज़ोर मैं निर्बल, कर सकता हूँ क्या भला
पुलिस की लाठी है साथ उनके
और धन भी जो है काला
धन का है क्या, मन ही सबकुछ है
ठान ले जो एक बार उसीकी जीत है ,----------------

अब जाना, अब समझा, जो कुछ भी आपने कहा
जो हो कमज़ोर रहे दुखी वह सदा
देंगे अन्यायी को तो सज़ा
तेरा मतदान है शक्ति महान
न करना ग़लत व्यक्ति को मतदान,--------

हम अपने लक्ष्य में सफल, हम देंगे देश को बदल
क्या कर लेगा कोई रे शैतान
हम अडिग चट्टान

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