Monday, July 30, 2012

मित्रों , परिवार के बहुत सारे सदस्यों ने मेरे नाती के जन्म पर बधाई देकर मेरी खुशी को और बढाया था 
आज बेटी और नाती घर आ रहे हैं / इस अवसर पर आप सभी के लिए यह छोटा सा गीत प्रस्तुत है 

मेरे नाती के आगमन पर एक स्वागत संगीत 

सूने से इस मन की बगिया में बाद मुद्दत आई बहार 
ले आया एक नन्हा फ़रिश्ता साथ में अपने फूल हज़ार ---

तरस रहा था कोई गुड्डा आ कर गोद में मेरे भी खेले 
उस नटखट की शैतानी को बड़े प्यार से यह दिल झेले
बड़ी थी बेचैन यह ज़िन्दगी, बन कर वह आया करार -----

पाया है इस मन ने क्या क्या कैसे बताऊं मैं यह तुमको
इतनी खुशियाँ पायी मैंने भुलाया है दिल से हर ग़म को
माँगी थी बस एक बूँद मैंने पर मिला है अब तो पारावार -----

अब न आरमान कोई बाकी , आरज़ू कोई न जिगर में है
जब से पाया इतनी प्यारी मूरत मैंने अपनी नज़र में है
झोली भर दी मेरे प्रभु ने , खोल के दया का अपना भण्डार -----

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