मित्रों बड़ी खुशी हुई मुझे कल, जब आदरणीय मुद्गल जी ने फ़ोन कर के एक फरमाइश की गीत लिखने की. / महेंद्र कपूर का गाया हुआ कन्हैय्या , कन्हैय्या तुझे आना पडेगा / मुखड़ा ज्यों का त्यों रखते हुए मैंने इस गीत को नए सिरे से लिखा है , देश की अब की हालत को ध्यान में रखते हुए / देखिये शायद आपको भी अच्छा लगे /
आदरणीय सतीश मुद्गल जी को समर्पित है यह रचना
कन्हैय्या - कन्हैय्या तुझे आना पड़ेगा
वचन गीता वाला निभाना पड़ेगा -----------
तुने तो कहा था कि तू आएगा वहां
ग्लानी होगी धरम की भारत में जहाँ
हो क्या रहा है यह तेरी धरती पर
तुझको को भी क्या बतलाना पड़ेगा , वचन -------
साधू रो रहे हैं अन्यायी को मस्ती
झूठ महंगा है और सच्चाई सस्ती
जहाँ भी गया देखा तेरा ही "मामा"
इतना बता दे "भांजा" कब आएगा , वचन -----
खली पेट सोये जो मेहनत करे
मौज उड़ाते हैं यहाँ जेब कतरे
पल पल रोते देखा "द्रौपदी" को
लाज तुझे उसकी तो रखना पड़ेगा , वचन----
अस्त्र न उठाया तूने महाभारत में
विजय हुआ रहा जो सत पथ में
भक्तों का विश्वास हिलने लगा
आजा रे सारथी तुझे बनना पड़ेगा , वचन ---
ठहाके लगते हैं सारे अधर्मी
आंसूं बहते हैं यहाँ सत्कर्मी
कहीं हो न जाए रे तू बदनाम
सुदर्शन ही अब तो चलाना पड़ेगा , वचन -----
आदरणीय सतीश मुद्गल जी को समर्पित है यह रचना
कन्हैय्या - कन्हैय्या तुझे आना पड़ेगा
वचन गीता वाला निभाना पड़ेगा -----------
तुने तो कहा था कि तू आएगा वहां
ग्लानी होगी धरम की भारत में जहाँ
हो क्या रहा है यह तेरी धरती पर
तुझको को भी क्या बतलाना पड़ेगा , वचन -------
साधू रो रहे हैं अन्यायी को मस्ती
झूठ महंगा है और सच्चाई सस्ती
जहाँ भी गया देखा तेरा ही "मामा"
इतना बता दे "भांजा" कब आएगा , वचन -----
खली पेट सोये जो मेहनत करे
मौज उड़ाते हैं यहाँ जेब कतरे
पल पल रोते देखा "द्रौपदी" को
लाज तुझे उसकी तो रखना पड़ेगा , वचन----
अस्त्र न उठाया तूने महाभारत में
विजय हुआ रहा जो सत पथ में
भक्तों का विश्वास हिलने लगा
आजा रे सारथी तुझे बनना पड़ेगा , वचन ---
ठहाके लगते हैं सारे अधर्मी
आंसूं बहते हैं यहाँ सत्कर्मी
कहीं हो न जाए रे तू बदनाम
सुदर्शन ही अब तो चलाना पड़ेगा , वचन -----
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