Monday, July 30, 2012

एक और पैरोडी फिर वही नाजायज़ बाप के ऊपर. / आपको याद होगा एक फिल्म आयी थी सगीना जिस में एक गीत था "साला मैं तो साहब बन गया " /दिलीप कुमार पर फिल्माया गया था यह गीत और बीच बीच में ओमप्रकाश जी की आवाज़ थी ताना मारते हुए / उसी गीत पर आधारित है यह पैरोडी. / तो सुनिए 

- साला मैं तो बाप बन गया 
बाप बनके सांप सूंघ गया 
यह डी एन ए का रिपोर्ट
और राय दे दिया कोर्ट
जैसे मेरा भट्टा बैठ गया --------
-वाह रे बुड्ढे - वाह रे बुड्ढे -
बाप बनके देखो कैसे उछले
जो किये थे पाप तूने फल उसका अब पा ले
-मुझे पे दुःख की मार देख कर देखो सब हँसते हैं
फेस बुक पर क्या क्या देखो मुझको ले लिखते हैं
हाल मेरा क्या यह हो गया , साला मैं तो बाप बन गया ----------
- सुन रे बुड्ढे - सुन रे बुड्ढे
छोड़ भजन तू डूबा था मस्ती में
जिनको तूने उजड़ा था कल, आज तू उस बस्ती में
- होता जो मैं आज भी मंत्री , बात ऐसी न होती
नीलामी पर बिकती मिडिया साथ में मेरे होती
दोस्त दुश्मन बन गया , साला मैं तो बाप बन गया ---------
- नेता था तू , नेता था तू
काम था था तेरा आदर करता सबका
माली बन कर उजाड़ डाला बाग़, जिम्मा था तुझपे जिसका
- अपने पार्टी के नेताओं ने जो कुछ पहले किया था
मैं तो उनके पद-चिन्हों पर चलता ही आया था
पकड़ा बस मैं ही गया , भाग मेरा देखो फूट गया .........

No comments:

Post a Comment