Sunday, July 28, 2013

yeh bharat



शैलेंद्र जी ने एक गीत लिखा था "यहूदी" के लिए " यह दुनिया यह दुनिया हाय हमारी यह दुनिया "
खून में जोश भर देता था- और रगों में आग - उसी के आधार पर एक गीत देश की दुरवस्था पर

यह भारत यह भारत हाय हमारा यह भारत
शैतानों के बस में है- पपियों को ही यश है
यह भारत यह भारत-------

बच्चों को परोसा जाता ज़हरीला भोजन
अय्याशी में डूबे नेता का तन मन (2)
बच्चे तो यहाँ पे बिकते चंद रुपयों में
मीडिया करती है नेताओं के कीर्तन (2)
यह भारत यह भारत हाय हमारा यह भारत
हुई दुर्गति कैसी है संत के गले में रस्सी है
यह भारत यह भारत---------

भूखी है जनता दो हाथों देश को यह लूटे
पाँच रुपये में खाना मिले कहते हैं झूठे
दलाली करते है यह हर सौदे में
उस पर दावा करते हैं कि यह हैं सच्चे
यह भारत यह भारत हाय हमारा यह भारत
न्यायधर्म पर है पहरा- सत्य छुपाया है चेहरा
यह भारत यह भारत --------

ज़ूल्म की सारी हद तो अब है टूट चुकी
एक एक शमा आस की अब है बुझ चुकी
खून को अपना बन तेल राग को ही बाती
दूर अंधेरा करने को राह कोई न है बाकी
यह भारत यह भारत हाय हमारा यह भारत
रो-रो माता पुकारती है क्या सुनाई नहीं देती है
यह भारत यह भारत ---------

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