एक फिल्म आई थी "उजाला" उसमें एक बहुत ही बढ़िया गीत था "अब कहाँ जाएँ हम- तू बता ए ज़मीन" . उसी पर एक गीत प्रस्तुत है आज देश की हालत पर
अब कहाँ जाएँ हम- बतला भारत माता
जो लुटेरे देश के साथ उनके सत्ता
"जोकर" हे जहाँ रोब दिखाने लगे
पीट तो जाएगा ही "इक्के"का जो पत्ता;
अब कहाँ जाएँ हम- बतला भारत माता-------
कहने को स्वतन्त्र हुए, पर दासता अब भी है
पद लेहन की तो यहाँ प्रतियोगिता अब भी है
देश भक्तों की तो हो रही दुर्दशा
जो लुटेरे देश के साथ उनके सत्ता--------
हिन्दी की समर्थन में विरोध की जो आवाज़ें
उसके ही सर पर तो लाठियाँ पुलिस भान्जे
राजभाषा नीति बस तो है दिखावा
जो लुटेरे देश के साथ उनके सत्ता-------
जनता के धन को यह "बपौती" माने अपनी
जब मतलब आन पड़े बहू - बेटी बेचें अपनी लोक तंत्र यहाँ बन गया छलावा
जो लुटेरे देश के साथ उनके सत्ता------
हर रोज़ नये घपले- नित नये हैं घोटाले
पर दावा है इनका हैं वह दूध के रे धूले
वीरों की यह भूमि बन गयी क्या बंध्या
जो लुटेरे देश के साथ उनके सत्ता------
कब तक यूँ सहोगे कहो, इन दुराचारियों को
औकात दिखा दो अब इन कदाचारियों को
फ़र्ज़ भूलो नहीं- जाग री जनता
जो लुटेरे देश के साथ उनके सत्ता-------
तू भारत की संतान-हिम्मत है तेरी शान
तू टेक न रे घुटने - माताका न कर अपमान
राजा तू देश का- शक्ति अपनी दिखा
जो लुटेरे देश के साथ उनके सत्ता---------m
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