मित्रों धीरे धीरे विश्वास होने लगा है कि पंजे वाले अब क्षितिज के उस पार जानेवाले है. उस समय पार्टी के भाड़े का टट्टू क्या गाएँगे सुनिए - मूल गीत है फिल्म "टेक्सी ड्राइवर" का "जाएँ तो जाएँ कहाँ"
जाएँ तो जाएँ कहाँ(2)
चेहरे से हटा जो नक़ाब
देगा वोट कौन यहाँ,
जाएँ तो जाएँ कहाँ(2)--
हमने जो मुल्क़ को जमके लूटा
सोचा न एक पल आगा या पीछा
हुआ बर्बाद दोनों जहान,
जाएँ तो जाएँ कहाँ(2)
कुत्ते की तरह दुम को हिलाया
इज़ात शर्म को बंधक बनाया
मेडम अब जाने कहाँ,
जाएँ तो जाएँ कहाँ(2)
एक दिन भी न देश का सोचा
कभी सुना न बोली जो जनता
समझते काश दिल की ज़ुबान,
जाएँ तो जाएँ कहाँ(2)
चिड़िया तो चुग गयी खेत सारा
रो रो कर दिल किसको पुकारा
पाप का फल भुगत यहाँ
जाएँ तो जाएँ कहाँ(2)
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