Monday, November 11, 2013



सोचनेवाली बात

जीतेंगे तो 1 रुपये का अनाज - कैसा सुनो है बहाना
नमक मिले 20 रुपये का जो पहले सेर का था बस 2 आना-----

देस कभी था सोने की चिड़िया - दादा परदादा कहा यह करते थे 
बिन ताले के जनता देश में चैन से नींद लिया करते थे 
चोर तो अब साहूकार बना है यहाँ पर कैसा आया ज़माना
नमक मिले 20 रुपये का जो पहले सेर का था बस 2 आना-----

लूट के देशको खाया यवन क़ौम ने - अँग्रेज़ों ने भी कुछ न छोड़ा
उनके जो पुछल्ले रह गये - शासन के नाम किया सैकड़ों बखेड़ा
जो चमचे हैं उनको मस्ती - और शरीफ भरते हैं भाई जुर्माना
नमक मिले 20 रुपये का जो पहले सेर का था बस 2 आना-----

बंधक न बनो 5 साल तक - हरे हरे नोट की तुम लालच में
देश बचेगा जो तुम भी बचोगे - देश बचाओगे हर हालत में
60 सालों से जो रुलाए हैं तुमको- उनको सबक है सीखलाना
नमक मिले 20 रुपये का जो पहले सेर का था बस 2 आना-----

यू पी ए का यह मूल मन्त्र है उत्पात - पाजिपन-और अन्याय
इनके झाँसे में जो आ जाओगे छाती पीट कहना बस हाय हाय
एक ही थैली के चट्‍टे बट्‍टे जो ठीक से उनको है पहचानना
नमक मिले 20 रुपये का जो पहले सेर का था बस 2 आना-----

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