पिता - बेटा तुझे पता है न - हमने जिसदेश में जन्म लिया है उसे हम अपनी मातृभूमि कहते है
बेटा - हाँ पिता जी
पिता - जिस प्रकार तुम अपनी माँ की इज़्ज़त करते हो- उन्हे प्यार करते हो- मातृभूमि से भी तुम्हे प्यार करना चाहिए - उसकी इज़्ज़त करनी चाहिए
बेटा - हाँ पिता जी
पिता - तो बताओ तुम इस के लिए क्या कर सकते हो
बेटा - क्रिकेट मेच के समय सर मुंडा कर और चेहरे पर रंगा लगा कर तिरंगा का डिजाइन बना सकता हूँ और चौका छक्का लगने पर तिरंगा लहरा सकता हूँ
पिता मन ही मन सोचता है शायद देश प्रेम की परिभाषा बदल गयी है आज के युग में
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