Friday, September 20, 2013

अभी अभी लिखी है यह कविता 

एम्स में करे आतंकी मस्ती - साधु हवालात में सड़ते हैं
गौ माता पर कसाई की क़तार - और कुत्ते गोश्त उड़ाते हैं---

देश में जो बहाए पसीना - उस पर है महँगाई की मार
ग़लत लोग ही इस देशमें जब तब है ईद * मनातें है----

क़ानून के डंडे यहाँ पर है तो सही पर ईमानदार के लिए 
क़ानून को जो धत्ता बताए - हाय अब वही देश को चलाते हैं---

सौ पचास की जो हो रक़म सब घूस खोरी उसको कहते हैं
लेते ना डकार खा कर करोड़ों जो यह जनसेवक कहलाते हैं ---

मत-दान है नेक काम बड़ा सरकार यह बार बार कहती है
मत ले कर भोली जनता का पर सारे पाप कर सब जाते हैं.....

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