Friday, September 20, 2013

जब मैं कॉलेज में दाखिल हुआ तभी से देश की हालत को बिगड़ा हुआ पाया - क्यों कि कहने को तो देश स्वतंत्र हो गया पर अँग्रेज़ों और ख़ास कर के मेकाले के मानस पुत्र जीतने भी थे उन्हे देश और देश वासियों को नोच कर खाने के लिए अनुज्ञा पत्र प्राप्त हो गया था- तब से आज तक मन ही मन मैं घुटता रहता था की क्या देश में सुधार नहें आएगा. लो आख़िर वह समय आ गया और वह साधन भी हमें प्राप्त हो गया "श्री नरेंद्र मोदी" के रूप में- आज उनका जन्म दिन है- उनके विचारों को मैंने जहाँ तक समझा है उसमें अपनी सोच मिला कर एक गीत प्रस्तुत है- मोदी जी के लिए उपहार के रूप में------ आशा है आप भी इसे पसंद करेंगे - पुराने गीत
छोड़ो कल की बातें - कल की बात पुरानी" की ढूंने मलिखाल गया है यह गीत - पढ़िए

सोचो देश की बातें - मातृभूमि है बचानी
अब तो मिलेगी सज़ा उन सबको
करते थे जो शैतानी- हम हिन्दुस्तानी -हम हिन्दुस्तानी ---------

जो सब है गद्दार उन्हे पहचान चुके है
कमज़ोर जो देश की जड़ को करते रहे हैं
खोखली क़ी घर के जिन्होने दीवारों को
याद रखो रे भाई उन उन सबके चेहरो को
राष्ट्रहित में ध्यान है अपना
जान लो तुम बात इतनी - हम हिन्दुस्तानी -हम हिन्दुस्तानी -----

छाया था तम अन्यायका देश में कब से
आशा जगी है मोदी जी आए हैं रे जब से
बजरंगी को देख के भूत प्रेत जैसे भागे
वैसे होंगे सारे देश के गद्दार इनके आगे
देश को इनके हाथ में सौंपे-
लिखें नई कहानी, हम हिन्दुस्तानी - हम हिन्दुस्तानी ---

गाँव गाँव में चमके बिजली मोदीके दमसे
हर होंठों पर तो खिले हँसी मोदीके दमसे
सुंदर से बगिया को सीँचे जैसे कोई माली
करेंगे मोदी जी देश की इस तरह रखवाली
देश की नैय्या पार लगेगी -
लहरें ऊँची हों कितनी, हम हिन्दुस्तानी -हम हिन्दुस्तानी ---------

देश का नाम किया ऊँचा जग में मोदी जी ने
ऐसा पुरुष न जन्मा अब तक इस भूमि में
इनके संग आओ रे भैया हम सब हो जाएँ
जन जन हो खुश हाल चलो नाचें और गाएँ
नेकी ही एक राह है इनकी,
राहें चाहे हो कितनी- हम हिन्दुस्तानी -हम हिन्दुस्तानी ---------

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