Friday, September 20, 2013

कुछ पंक्तियाँ यह भी(मेरा जूता है जापानी के तर्ज़ पर)

यहाँ जनता है दीवानी - 
और मैं अकेली सयानी
ऐसे करतब मैं दिखाऊँ
आए याद सबको नानी-----
रच के साज़िश आई हूँ मैं
छोड़ के अपना देश घर (2)
देखो कैसे मूरख हैं यह
फूल बिछाए क़दमों पर (2)
सास पति की कहानी
अब तो हो गयी पुरानी
ऐसे करतब मैं दिखाऊँ
आए याद सबको नानी-----
सरकारी पद मैं न चाहूं
काम चले तो पर्दे से (2)
अपना उल्लू कर लूँ सीधा
मिलेगा क्या ओहदे से (2)
तेरे मसके से रे जानी
बढ़ती है अपनी शैतानी
ऐसे करतब मैं दिखाऊँ
आए याद सबको नानी-----

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