Friday, September 20, 2013

उत्तर प्रदेश में जो तबाही चल रही है उस पर कुछ पंक्तियाँ

सेक्युलर- सेक्युलर
तेरा हो जाए रे बंटाधार
दूजे के घर आग लगा कर
रोटी सेंके हर बार ;
सेक्युलर- सेक्युलर
तेरा हो जाए रे बंटाधार-----------

अपनो का जब हुआ सगा न
औरों का तू कैसे होगा
कुर्सी का नशा है ऐसा छाया
क्या क्या पाप तू कर लेगा
लड़ते - कटते लोगों को देख
भरता है तू किलकार;
सेक्युलर- सेक्युलर
तेरा हो जाए रे बंटाधार-----------

जब तक रहेंगे तेरे जैसे
चैन-ओ - अमन कहाँ होगा
ख़ुदग़रजी से तेरा कह दूँ
कब्रस्तान यह वतन होगा
जब तक तू ज़िंदा धरती पर
जीना है सबका दुश्वार
सेक्युलर- सेक्युलर
तेरा हो जाए रे बंटाधार-----------

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