Monday, May 5, 2014

मित्रों - सुना है भा ज पा वालों ने कोई सी डी निकाली है दामाद पर - पर भैया संगीत जो कम करता है उसकी बात ही कुछ और है. तो हुँने सोचा चलो इसि प्रसंग पर भी एक पेरोडी हो जाए - फिल्म संघर्ष याद है न दिलीप कुमार पर एक गीत था जिसके बोल कुछ ऐसे थे

दिल पाया अलबेला मैंने तबीयत मेरी रंगीली
आज खुशी मैं मैने भैया थोड़ी से भंग पी ली
मेरे पैरों में घुंघरू बँधा दे तो फिर मेरी चाल देख ले
मोहे लाली चुनरिया ओढ़ा दे तो फिर मेरी चल देख ले

तो इसी पर पेश है 'दामाद श्री' पर पेरोडी - काश भा ज पा वाले पहले से चौकन्ने होते

सास मिली अलबेली मुझ को - बीवी मेरी रंगीली
इनके बदौलत ए नादानों मैने मुल्क को है लूट ली
बिन घूँघरू के चाल मेरी देखो- दामाद श्री मैं चमचों का
मेरी दौलत को ऐसे मत देखो -दामाद श्री मैं चमचों का------ (1)

मुझ सा नसीब यहाँ क्सिका बोलो- रातों रात उगी लंबी दाढ़ी
सारे देश में एक मैं खिलाड़ी - बाकी जो हैं सब तो अनाड़ी
सच है कहा --
ज़ीरो से मैं तो बन गया हीरो- रह गये सारे मुँह ताकते (2)
करूँ चोरी उपर से सीनाज़ोरी - दामाद श्री मैं चमचों
मेरी दौलत को ऐसे मत देखो -दामाद श्री मैं चमचों का------ (2)

भोन्दू साला एक है मेरा - जो न कोई काज का न काम का
इसलिए अपनी मस्ती यारों- माहौल सुबह का हो या शाम का
क्या शाम मस्तानी--
बीवी भी मेरी काइयाँ पक्की- हरदम जो साथ मेरा देती(2)
सेक्यूरिटी भी हाथ न लगाए मोहे ,दामाद श्री मैं चमचों का
मेरी दौलत को ऐसे मत देखो -दामाद श्री मैं चमचों का------ (3)

डी से है दौलत ,एल से हुआ लैंड, एफ से फाइनेंस बनता
सब को मिलाया बना डी.एल.एफ जिससे क़ायम अपना रुतवा
वाह री क़िस्मत--
सारे जुर्म तो माफ़ मुझे हैं- क़ानून मेरा क्या बिगाड़े (2)
सास बीवी तो मुट्ठी में मेरी , दामाद श्री मैं चमचों का
मेरी दौलत को ऐसे मत देखो -दामाद श्री मैं चमचों का------ (4)

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