Monday, May 5, 2014

जब हम बच्चे थे बहुतों ने हमें कहा था यह तो मेरे बेटे जैसा है - आज जब हम बुजुर्ग हैं तब हम बहुतों को अपने बच्चे जैसा मानते हैं- न पहले हमने बुरा माना था न अब यह बच्चे बुरा मानते हैं- पर देश में एक अकेली नमूना निकली जिसे किसी ने बेटी जैसी कहा तो उसे बुरा लगा इतना कि बिदक गयी -- तो उसी पर एक पेरोडी हो जाए आज - मूल गीत फिल्म जंगली का ' कश्मीर की कली हूँ मैं' देखिए शायद आपको पसंद आ जाए

अपने बाप के बेटी हूँ - मुझे बेटी जैसी न कहना जी
बात सुन ले दुनिया सारी बदनामी बड़ी होगी - बड़ी होगी ......

वैसे तो बदनाम अपना कुनवा- बात यह तो जग ज़ाहिर है
बात का बतंगड़ बनाने में भई यहाँ ज़माना तो माहिर है
अपने बाप के बेटी हूँ - मुझे बेटी जैसी न कहना जी
बात सुन ले दुनिया सारी बदनामी बड़ी होगी - बड़ी होगी ......

ट्रे में उठा कर जाम कॅनटीन में फिरती थी महिला जो
आज हैसियत उसकी इतनी ऊँगले पे सबको नचाती वो
अपने बाप के बेटी हूँ - मुझे बेटी जैसी न कहना जी
बात सुन ले दुनिया सारी बदनामी बड़ी होगी - बड़ी होगी ......

क्या क्या जतन किए थे उसने देश छोड़ा घर द्वार छोड़ा
बेटी जैसी कह के मुझ को मारो न मेरे क़िस्मत पे कोड़ा
अपने बाप के बेटी हूँ - मुझे बेटी जैसी न कहना जी
बात सुन ले दुनिया सारी बदनामी बड़ी होगी - बड़ी होगी ......

अपनी बपौती समझ देश को दोनों हाथों से इसे खूब लूटा
खाने तो दो हमें मलाई बिल्ली के भाग में हैं छींका टूटा
अपने बाप के बेटी हूँ - मुझे बेटी जैसी न कहना जी
बात सुन ले दुनिया सारी बदनामी बड़ी होगी - बड़ी होगी ......

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